हाँ दोस्तों, क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आया है और यह बदलाव सीधे भारतीय टीम और उनके परिवारवालों से जुड़ा है। बीसीसीआई ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए एक नया नियम लागू किया है, जिससे अब भारतीय क्रिकेटर्स के परिवार वाले भी दुबई जा सकते हैं। पहले यह खबर थी कि खिलाड़ी अपने परिवार को साथ नहीं ले जा सकेंगे, लेकिन अब बोर्ड ने इस पर अपना रुख नरम कर दिया है।
BCCI ने बदला नियम, खिलाड़ियों को मिली छूट
दोस्तों, क्रिकेट के मैदान पर जब खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो उनके परिवारवालों का भी हौसला बढ़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई ने अपने नियमों में बदलाव किया है। अब भारतीय टीम के खिलाड़ी अपने परिवारवालों को एक मैच के लिए दुबई ला सकते हैं। इससे पहले यह पाबंदी थी कि किसी भी खिलाड़ी को अपने परिवार को साथ ले जाने की इजाजत नहीं होगी। लेकिन अब यह फैसला लिया गया है कि खिलाड़ी बीसीसीआई को पहले से बताकर अपने परिवार को बुला सकते हैं।
टीम इंडिया का चैंपियंस ट्रॉफी में सफर 20 फरवरी से शुरू होगा जब भारत की भिड़ंत बांग्लादेश से होगी। इसके बाद 23 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ हाई-वोल्टेज मुकाबला खेला जाएगा और फिर 2 मार्च को न्यूजीलैंड से टक्कर होगी। भारत के ये सभी मुकाबले दुबई में खेले जाएंगे, और अगर टीम सेमीफाइनल या फाइनल तक पहुंचती है, तो वे भी दुबई में ही होंगे। ऐसे में खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ कुछ वक्त बिताने का मौका मिल सकता है।
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क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
अब दोस्तों, आप सोच रहे होंगे कि बीसीसीआई ने अचानक यह फैसला क्यों लिया? दरअसल, बीसीसीआई ने पिछले कुछ समय से भारतीय टीम की परफॉर्मेंस में गिरावट को नोटिस किया था। खासतौर पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद बोर्ड ने क्रिकेट में सुधार के लिए कई कड़े कदम उठाने शुरू किए।
इसके तहत एक नई यात्रा नीति भी बनाई गई, जिसमें तय किया गया कि खिलाड़ी कब और कितने दिनों के लिए अपने परिवारवालों को विदेश दौरे पर ले जा सकते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी एक छोटा टूर्नामेंट है, इसलिए खिलाड़ियों को सिर्फ एक मैच के लिए अपने परिवार को बुलाने की अनुमति दी गई है।
खिलाड़ियों को कैसे मिलेगा परिवार को साथ लाने का मौका?
अब सवाल यह उठता है कि खिलाड़ियों को यह सुविधा कैसे मिलेगी? दोस्तों, टीम प्रबंधन को पहले से ही बीसीसीआई को एक सूची सौंपनी थी, जिसमें यह बताया गया था कि कौन-सा खिलाड़ी किस मैच में अपने परिवार को बुलाना चाहता है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक पूरी टीम दुबई पहुंच चुकी है और किसी के साथ परिवार नहीं गया है।
हालांकि, अब यह खिलाड़ियों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है कि वे किस मैच में अपने परिवार को बुलाना चाहते हैं। कई खिलाड़ी हो सकता है कि इस सुविधा का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह दौरा बहुत छोटा है और खिलाड़ी अपने खेल पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं।
बीसीसीआई की नई यात्रा नीति क्या है?
दोस्तों, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के परिवार को साथ ले जाने की नई पॉलिसी भी बनाई है। इसके तहत:
- अगर टीम 45 दिनों से ज्यादा विदेश में रहती है, तो खिलाड़ी की पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चे अधिकतम दो सप्ताह तक उनके साथ रह सकते हैं।
- छोटे दौरे (जैसे कि चैंपियंस ट्रॉफी) में यह समय सीमा एक सप्ताह तक की है।
- यदि कोई खिलाड़ी तय समय से ज्यादा अपने परिवार को साथ रखना चाहता है, तो उसे कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी।
- इसके अलावा, बीसीसीआई अतिरिक्त खर्च वहन नहीं करेगा।
क्या बदले हुए नियमों से खिलाड़ियों को मिलेगा फायदा?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बदलाव खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोई असर डालेगा? दोस्तों, क्रिकेट सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक खेल भी है। जब खिलाड़ी अपने परिवार से दूर होते हैं, तो यह मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बीसीसीआई के इस फैसले से खिलाड़ियों को मानसिक शांति मिलेगी और वे मैदान पर बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने खिलाड़ी इस सुविधा का उपयोग करते हैं और क्या इसका भारतीय टीम के खेल पर कोई प्रभाव पड़ता है। क्या भारत चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतकर इतिहास रचेगा? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन बीसीसीआई ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे खिलाड़ियों को फायदा जरूर मिलेगा।
तो दोस्तों, आप क्या सोचते हैं? क्या बीसीसीआई का यह फैसला सही है? क्या भारतीय खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ रहने की इजाजत मिलनी चाहिए? हमें कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करें

मैं सोनू बिसेन अपने लेखन कला के जरिए पिछले 4 सालों से लोगों को लिखित जानकारी के रूप में मदद करती आ रहा हूँ. मुझे लिखित रूप में जानकारी साझा करने में अच्छा लगता है.